अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर को विशेष स्थिति प्रदान थी, भारत, पाकिस्तान, और चीन के बीच!
अनुच्छेद 370: एन गोपालस्वामी अयंगर ने ड्राफ़्ट किया, 1949 में 'अस्थायी प्रावधान' में शामिल!
अनुच्छेद 370: रक्षा, विदेशी मामलों, और संचार को छोड़, जम्मू-कश्मीर स्वायत्ता अनुमति थी।
अनुच्छेद 370: 1947 के आक्रमण के बाद, हरि सिंह की हस्ताक्षर की शर्तों पर आधारित यह विलय पत्र!
सरकार ने कैसे हटाया अनुच्छेद 370?
2019 के राष्ट्रपति आदेशों में: संसद ने नया प्रावधान लाया, जिसका अर्थ है "जम्मू और कश्मीर की विधान सभा", और राष्ट्रपति शासन के माध्यम से विधान सभा की शक्तियों को ग्रहण किया। अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए।
संसद में संकल्प: 5 और 6 अगस्त 2019 को, संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में समवर्ती संकल्प पारित किए। इन संकल्पों ने अनुच्छेद 370 के शेष प्रावधानों को रद्द कर दिया और उनके जगह नए प्रावधान लाए।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम: 2019 में, 5 अगस्त को, संसद ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को मंजूरी दी। इस अधिनियम ने जम्मू और कश्मीर राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया: जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और जम्मू-कश्मीर राज्य की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी।
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए और 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जाने चाहिए।